दिल्ली पब्लिक स्कूल बस दुर्घटना

 मासूमों को श्रद्धांजली


Jan 06, 2018 06:00

😥उनकी माँ ने भी कितने सपने गढ़े होंगे |
पिता उनके लिए किस-किस से लड़े होंगे |
वो भी कुछ करने को अड़े होंगे |
उसी की ताक में वे बस में चढ़े होंगे |
कुछ आशादीप बनकर आए थे जमीं पर,
किसने सोचा था कि यूँ बुझकर,
आँख बंद किए वो पड़े होंगे |
😥😪
वीर

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