जन्मदिन, प्रेरणास्रोत, गांव की महिमा
मेरे मुक्तक काव्य
1.
जन्मदिन काव्य
आप है चांद वो जो सितारे गढ़े ।
लिखो वो इबारत जो दुनिया पढ़े ।
वीर करता मुबारक जन्मदिन तुम्हें ।
आप की ख्याति जन्मों जनम तक बढ़े ।
वीर
2.
प्रेरणा दायक...
दीपक के संघर्ष से उसकी ज्योत है,
वो परहित की भावना से ओतप्रोत है,
हम क्यों तलाशें काल्पनिक किरदार जग मे,
जब सम्मुख आप जैसे प्रेरणास्रोत हैं ।
वीर
3.
गांव की महिमा...
मेरा गांव मुझे बहुत भाता है ।
क्योंकि यहां दिखावा नहीं आता है ।
शहरी अपनी 1 लाख की बुलेट पर इतराता है,
मेरा गांव 10 लाख के ट्रैक्टर में चारा लाता है ।
4.
शहर की छांव मुझको सताती रही,
गांव की शाम मुझको बुलाती रही ।
चांद की धूप मुझको जगाती रही,
थपकियां दे दे निंदिया सुलाती रही ।
~वीर
5.
प्रेरणा दायक...
ये दुनिया तुझमें रुसवाई कितनी है ?
ओ समुन्दर तेरी गहराई कितनी है ?
ये वीर सारी हदें पार करने की जिद पर है ,
ये आसमां बता तेरी ऊंचाई कितनी है ?
~वीर
#VeerTheWinner
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