याद, इश्क शायरी


1. याद
ऐसा नहीं है उसे मेरी याद आती ही होगी,
आती भी होगी, सताती भी होगी,
फिर वो अपने दिल को समझाती भी होगी,
सच जानकर भी मुझे बुरा आदमी बताती भी होगी ।।
वीर

2. इश्क शायरी...
तेरी दिल की थाह से हम अनजाने बहुत हैं,
गर रास्ता है नया, मुसाफ़िर हम पुराने बहुत हैं,
हम वर्दी वालों का काम है हिफाजत करना,
सुना है तेरे वीरान महल में खजाने बहुत हैं ।।
~वीर

3.
तुझे गुरूर इस बात का कि तेरे दीवाने बहुत हैं,
पर वो हमारी बेपनाह चाहत से अनजाने बहुत हैं,
तेरे दिल में मैं अपने दिल का घर बना बैठा हूं,
वरना अपने दिल के भी दुनिया में ठिकाने बहुत हैं ।।
~वीर

4.
तुम्हारे रंगीन दिल के कोने वीराने बहुत हैं ।
मगर दिल में प्यार के लिए तराने बहुत हैं ।
एक दास्तान बिठा दूंगा दिल के कोनों में,
हमने दास्तानों के बाजार छाने बहुत हैं ।
~वीर

5.
 तूं ही मेरी मोहब्बत है,
तूं इस दिल की राहत है,
तूं मेरी जरूरत है,
तुझसे बेपनाह चाहत है,
तूं ही मेरी इबादत है,
दिल में लिखी इक इबारत है,
तुझसे मेरी हर शरारत है,
तूं ही मेरा ठंडा शरबत है,
हां तूं ही मेरी मोहब्बत है ।
🙃🙃🙃🙃

6.
प्यार
जो केस उलझे थे अब तक, सुलझने लगे ।
वो देखने हमको हमसे, उलझने लगे ।
कल तक कहते थे तुम मेरे काबिल नहीं,
आज हमको वो अपना समझने लगे ।
वीर
7.
दुःखी दिल
जब तूं बिखरा है ऐसे दिल, तो क्यूं रोने से डरता है ।
रहा क्या खास तेरे पे, जिसे खोने से डरता है ।
नहीं मालूम क्यूं तूं नाम सारे छोड़ कर जग में ।
इक ऐसे नाम पर ठहरा, जो तेरा होने से डरता है ।

8.
ये मचलता है क्यों कल के दोपहर से ।
कि देखता चांद को दिल छुपी नज़र से ।
कभी तो ये नज़र बस इंतजार करे,
जब वो बाहर न आए आसमां के घर से ।
©वीर
9.
हम इक चांद की चाहत में ये, फरियाद करते हैं ।
वो हमको भूल जाता है, हम उसको याद करते हैं ।
नहीं मजबूर है उसको गुरूर वो भी जानते है ये ।
तभी हर बात को सुनकर वो नजरंदाज करते है ।
Veer the winner

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