नवरात्रि कविता...


आज जय माता दी के नारों से गुंजित धरती गगन हो रहा है ।
सुगंधित है वातावरण और पुलकित सब का मन हो रहा है ।
खूब सजा है दरबार और दीपों से जगमग ये भवन हो रहा है ।
आज इस पावन घड़ी मेरे आंगन मेरी मां का आगमन हो रहा है ।
~वीर
आप सभी को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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