किसान
इतना आसान नहीं इक किसान हो जाना ।
मानसून की पहली सुबह ही आशाओं से भर जाना,
बादलों की यूं देख उदासी मन का मन में मर जाना,
फिर भी आशा दिल में रखकर सूखे खेत को जुतवाना,
और बारिश की एक झलक पा खुशियों का फिर गहराना,
बीजों को खेतों में बोना, अंकुर होने पर हर्षाना,
खाद डालना दवा डालना और फसलों को सहलाना,
सपरिवार काम में लगकर फिर फसलों को निंदवाना,
हर सुबह उठकर सूरज की चाल पढ़ पाना,
इन बहती हवाओं का रुख व ढाल गढ़ पाना,
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