वन शहीद
वन शहीद दिवस
कैसी सर्दी, कैसी गर्मी, क्या है दिन और क्या है रात ।
दुपहर वाली लगी आग या, तूफानों वाली बरसात ।
जंगल है परिवार हमारा, मन में यही विचार लिए ।
वन्य प्राणियों और वृक्षों को, खुद से ज्यादा प्यार किए ।
जगत की सांसों की रक्षा में, तन मन धन सब वार दिए ।
तनिक भी न वे घबराए ,और निज जीवन न्यौछार किए ।
वंदन नमन है वीरों को जो हँसकर जान लुटाते हैं ।
सदा के लिए अमर 'वीर' वो वन शहीद कहलाते हैं ।
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