मकरसंक्रांति, गणतंत्र दिवस, ब्रदर्स डे, स्वतंत्रता दिवस

मेरे मुक्तक...

 मुक्तक

जो तिल में गुड़ मिले तो, जुड़कर लड्डू एक करते हैं ।
इसी की मिठास को लेकर, कर्म कुछ नेक करते हैं ।
यही उर भाव लेकर कुण्ड में डुबकी लगाते हैं,
चलो मिल एक हो संक्रांति का अभिषेक करते हैं ।

गणतंत्र दिवस...

सब खुशी नागरिक हो, मेरे देश में ।
पालन विधियों का हो, हरइक प्रदेश में ‌‌।
हो अमन ये चमन, और शांति रहे ।
बहे महकती पवन, इसके परिवेश में ।

अनुशासन सदा सबका परिधान हो,
जय जवान जय किसान औ जय विज्ञान हो ।
किसी दिल में रहे न क्लेश यहां ,
वीर मांगे विधाता ये वरदान दो ।
~वीर

ब्रदर्स डे...

अभी तक हर रोज भाईयों को याद किया जाता रहा ।
हर पल उनकी याद में जिया जाता रहा ।
लेकिन लोगों ने इस मुसीबत से भी छुटकारा पा लिया,
और साल में एक दिन ब्रदर्स डे भी मना लिया ।
(एक दिन याद करो, साल भर के लिए फुरसत)
😄😄 वीर😄😄
24 मई ब्रदर्स डे विशेष

स्वतंत्र
 स्वतंत्र हो अभाव से, स्वतंत्र हो स्वभाव से ।
स्वतंत्र हो प्रभाव से, स्वतंत्र हो दबाव से ।

स्वतंत्र हो आचार से, स्वतंत्र हो विचार से ।
स्वतंत्र हो अहार से, स्वतंत्र हो प्रचार से ।

हो मन स्वतंत्र, हो तन स्वतंत्र ।
हो जन स्वतंत्र, कण-कण स्वतंत्र ।

मैं भी स्वतंत्र, तुम भी स्वतंत्र ।
हो एक मंत्र, हम सब स्वतंत्र ।

मल से स्वतंत्र, दल से स्वतंत्र ।
बल से स्वतंत्र, कल से स्वतंत्र ।

'वीरू' का मंत्र, ये जो स्वतंत्र ।
हो दिग दिगंत, ना आदि अन्त ।

~वीरेन्द्र पटेल 'वीर'

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