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Showing posts from 2020

मजदूर और लॉकडाउन

मजदूर की बात... आशियाने हमने सबके हैं बनाए, और हम ही घर को दरबदर हो रहे हैं । वो क्या समझेंगे हमारी ये दशाएं, वो तो महलों में सुकून से सो रहे हैं । आंख में पानी नहीं है बचा साहब, अब तो पैरों के ही छाले रो रहे हैं । गुमान था जिस भी सड़क को लम्बी हूं मैं, उसे बच्चे भी कदमों से निकल पिरो रहे हैं । हमने खूब ट्रकों में सामान भेजा, पर अपने सामानों का बोझा ढो रहे हैं । उस समय तक मालिकों के खास थे हम, अब तो रोजी रोटी तक हम खो रहे हैं । ~वीरेन्द्र पटेल 'वीर' x

जंगल/वन

0. कभी‌ भी कैसा भी संकट हो, संकट से टकराना तुम । विपदा का हल पाना हो तो, विपदा में मुस्काना तुम । पुण्य अगर जो करना चाहो जमकर पेड़ लगाना तुम । सांसों का सुख पाना हो तो जंगल जंगल आना तुम । ~वीर 1. वन की अहमियत का अंदाजा नहीं तुम्हें । इसे मंजिल नहीं, रास्ता समझ रहे हो । जिनके पास नहीं है उनकी जान जा रही । तुम्हारे पास है तो तुम सस्ता समझ रहे हो । वीर 2. वतन की सेवा में हथेली पर जान रखता हूं, कोई पूछे घर मेरा, लवों पर हिन्दुस्तान रखता हूं । लेकिन सबसे बात करने नरम सलीका है, अपनी जिंदगी जीने का अपना तरीका है । ~वीर Veer ~ The Winner⛳: 3.  तेरी हर सुबह में चहकन, चहकती शाम होती है । तेरे संग सांस चलती है, महक अविराम होती है । मैं तेरे साथ जीने-मरने की कसमें उठाए हूं, तेरी रक्षा की वर्दी ही, हमारी शान होती है । Veer ~ The Winner⛳: 4.  चांद की चांदनी जैसे साये हो तुम । सबके रग रग में ऐसे समाए हो तुम । कैसे मुमकिन हो जीना तुम्हारे बिना, जो इस धरनी पे जल बनकर आए हो तुम । 5. वन महिमा... वन से ही तो तन है, वन से ही तो मन है, वन से ही तो धन है, व...

वृक्षारोपण

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पेड़ लगाइए... सोचिए नहीं, आगे आइए । जागिए और सबको जगाइए । वर्षा ऋतु में पेड़ लगाइए । उनकी सेवा से चूक न जाइए ‌। लाखों करोड़ों जीवन बचाइए । सावन माह में पुन्य कमाइए । प्रकृति को सुन्दर बनाइए । खेतों की मेड़ बचाइए । घर द्वार को जीवंत बनाइए । मिट्टी का कटाव बचाइए । फल सब्जी व लकड़ी पाइए । शरीर को निरोगी बनाइए । शुद्ध ऑक्सीजन पाइए । फेफड़ों का जीवन बढ़ाइए । वृक्ष लगाने की फोटो खिचवाइए । फिर सोशल मीडिया पर चिपकाइए । संबंधियों को प्रेरित करवाइए । अच्छे लाइक और कमेंट पाइए । निवेदक ~ वीरेन्द्र पटेल ‘वीर' आपके एक छोटे से सहयोग से अनगिनत जीवों की जिंदगी बच जाएगी, इससे बड़ा पुन्य कोई नहीं होगा । वृक्षौ रक्षति रक्षितः । वृक्ष की रक्षा करने वाले की रक्षा अपने आप हो जाती है अर्थात उसकी रक्षा ईश्वर करता है । #plants #planting #plantatree #savetrees #saveplanet #plantingseason #saveforest #forest #forestphotography #naturelover #naturephotography #photooftheday #greenarmy #veer_the_winner #veerthewinner #veerpoetry #climatechange #challenge #unfccc #un

दोस्ती

दोस्ती का फ़र्ज़ तुम कहते थे कि अच्छे दोस्त हैं हम, पर दोस्ती का फ़र्ज़ क्यों न निभाया तुमने । माना मैं तुम्हारे कॉल करने की जिद पे था, पर इक बार भी न मिस कॉल लगाया तुमने । माना कि मैं थोड़ा नासमझ सा ठहरा, पर इक बार न प्यार से समझाया तुमने । माना मैं तुमसे कुछ दूर सा जाने लगा, पर इक बार भी न वापस बुलाया तुमने । तुम चाहते रोक सकते थे गिरने से मुझे, पर मेरी पकी सी हालत देख पथराया तुमने । तुम रोक सकते थे मेरी कागज की कश्ती, पर बाल्टी भर पानी डाल तेज बहाया तुमने । ठीक है मेरे घाव को मरहम न था तेरे पास, पड़ोस से नमक मांगकर क्यों लगाया तुमने । दोस्ती की कसमें खाने में अव्वल थे तुम, पर दोस्ती का फर्ज क्यों न निभाया तुमने । ~ वीर अपनी दोस्ती राह चाहे स्वर्ग की ही हो, दोस्तों बिन सुनसान है । खाना चाहे फाइवस्टार का, दोस्तों बिन बेस्वाद है । चाहे कुल्लू या काश्मीर हो, दोस्तों बिन श्मशान है । मन क्यों न हो खुशी लबालब, दोस्तों बिन बकवास है । दिखावे की न दोस्ती अपनी, न एक दिवस मोहताज है । जिस दिन साथ मिलें सब यारा, खुशियों की बरसात है । ~ वीर दोस्ती की परख कुछ अमरूद लगे थे मेरे ...

हिन्दी दिवस विशेष...

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#Hindi #Diwas #Matrabhasha Veer The Winner

चाय, चन्द्रयान, परीक्षा परिणाम

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Tealovers #tea #chai #चन्द्रयान #Exam #Results परीक्षा परिणाम हे परिणाम तुम्हें प्रणाम... माना कि तुम्हारे आने से सब बेचारे डरते । पर तुम किसी की काबिलियत तय नहीं करते । तुम किसी के चंद घंटों का मूल्यांकन हो । नहीं उसकी क्षमताओं का सीमांकन हो । अब सुनो साथियो सुनो दोस्तो कतई नहीं घबराना तुम । इन परिणामों से डरकर , कोई गलत कदम न उठाना तुम ।

तारीफ-ए-दोस्ताना

इसके नयनों में मधुकर प्याली सी है । वो जब भी सांस लेती है ये पवनें रुक सी जाती हैं, वो जब भी शीश उठाती है ये डाली झुक सी जाती है, मेरे इस दोस्त पर नजरों को तानें ठहरा सूरज भी, उसकी रौनक से शर्माकर ये चंदा छुप सी जाती है । इसके नयनों में मधुकर प्याली सी है, ये तो बाला बड़ी भोली भाली सी है, सांवले रंग की छवि मन को लसे, लवों पे यूं प्रभाती की लाली सी है । है वो सच्ची मगर इक कहानी सी है, मानती सबको है पर मनमानी सी है, जो भी देखे उसे देखता ही रहे, नजर मेरी भी उसकी दीवानी सी है । सीधी सादी है फिर भी बवाली सी है, बातों से वो भरी दिल की खाली सी है, बात करके न उससे जुदा हो सके, लगन उससे मुझे होने वाली सी है । उसकी मासूमियत इश्कवाली सी है, गाल पे ज़ुल्फ लटके हां काली सी है, देखूं सबको मगर जी न उस बिन भरे, त्यौहारों में वो मेरी दीवाली सी है । उसके गालों का डिंपल गजब ही करे, फंसकर इसमें भी ना जाने कितने मरे, भोंह उसकी दोधारी तलवार की तरह, साथ नैनो के मिल कत्ल अनगिन करे । छवि उसकी तो जाड़े की धूप सी लगे, गर्मी की शाम भी उसके रूप सी लगे, खिल के हँसती वो जैसे सावन...