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Showing posts from November, 2019

नवरात्रि कविता...

आज जय माता दी के नारों से गुंजित धरती गगन हो रहा है । सुगंधित है वातावरण और पुलकित सब का मन हो रहा है । खूब सजा है दरबार और दीपों से जगमग ये भवन हो रहा है । आज इस पावन घड़ी मेरे आंगन मेरी मां का आगमन हो रहा है । ~वीर आप सभी को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं ।

याद, इश्क शायरी

1. याद ऐसा नहीं है उसे मेरी याद आती ही होगी, आती भी होगी, सताती भी होगी, फिर वो अपने दिल को समझाती भी होगी, सच जानकर भी मुझे बुरा आदमी बताती भी होगी ।। वीर 2. इश्क शायरी... तेरी दिल की थाह से हम अनजाने बहुत हैं, गर रास्ता है नया, मुसाफ़िर हम पुराने बहुत हैं, हम वर्दी वालों का काम है हिफाजत करना, सुना है तेरे वीरान महल में खजाने बहुत हैं ।। ~वीर 3. तुझे गुरूर इस बात का कि तेरे दीवाने बहुत हैं, पर वो हमारी बेपनाह चाहत से अनजाने बहुत हैं, तेरे दिल में मैं अपने दिल का घर बना बैठा हूं, वरना अपने दिल के भी दुनिया में ठिकाने बहुत हैं ।। ~वीर 4. तुम्हारे रंगीन दिल के कोने वीराने बहुत हैं । मगर दिल में प्यार के लिए तराने बहुत हैं । एक दास्तान बिठा दूंगा दिल के कोनों में, हमने दास्तानों के बाजार छाने बहुत हैं । ~वीर 5.  तूं ही मेरी मोहब्बत है, तूं इस दिल की राहत है, तूं मेरी जरूरत है, तुझसे बेपनाह चाहत है, तूं ही मेरी इबादत है, दिल में लिखी इक इबारत है, तुझसे मेरी हर शरारत है, तूं ही मेरा ठंडा शरबत है, हां तूं ही मेरी म...

रक्षाबंधन कविता...

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1. भाई की कलाई में बहन ने बांधा प्यार । भाई ने दे दिया सदा रक्षा का उपहार । आज का दिन है लाया है पावन बहार । आओ मिलकर मनाएं राखी का त्यौहार । ~वीर 2. ये राखी ज्यों- ज्यों पास आ रही है । घर की याद बढ़ती जा रही है । याद उस पल की जब भाई बहन हम लड़ते थे । याद उस पल की जब एक ही स्कूल में पढ़ते थे । वो रोज मेरी शिकायत घर में दर्ज कराती थी । जब मुझे डांट पड़ती तो वो मुस्कुराती थी । पर पिटने की बारी आते ही मुझे बचाती थी । और बाद में वो चिड़ाकर एहसान जताती थी । हाथ पकड़ राखी के दिन वो राखी तेज कसाती थी । लड्डू खाने से पहले वो डटकर पैसे मंगाती थी । मां के दिए चार पेडो में दो ही मुझे खिलाती थी । बड़ी बहन और छोटी सब ऐसे ही प्यार जताती थी । जब से घर से निकला हूं  कुछ अलग ही प्यार रहता है । अब तो मेरे घर आने का सबको ही इंतजार रहता है । न पैसों की फुरसत रहती, न वो लड्डू की चोरी । अब दो दिन को ही मिलतीं है प्यारी सी बहने मोरी । ~ वीर

दो लाइनर

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1. किसी की चुप्पी से किसी का शोर पल रहा है। हमारे यहां तो परीक्षाओं का दौर चल रहा है । @MCBU Chhatarpur 2. हम मिले दिल खिले, मन भरा उल्लास । तुमसे मिलकर यूं लगा, मिटगई अंखियों की प्यास । वीर 3. खुद को रोक नहीं पाता हूं उन्हें सलाम करने में । इक नहीं सोचा जिन्होंने जान को वतन व वन के नाम करने में । वीर 4. नौकरी में घूमना फिरना एक काम बन गया है और इसी ज्यादा घूमने फिरने से जुकाम बन गया है वीर 5. ये प्यार भी अजीब है साला, जब तक हो नहीं तो इसके बिना मन नहीं मानता, जब हो गया तो उसके बिन दिल नहीं मानता ।। 6. आपके प्यार में ये दिल हो बैचेन है घुमड़ता । खैर जाने दीजिए आपको कोई फर्क नहीं पड़ता । 7. वह मेरे बिन न जीने का बोल रही, कहीं मैं हवा तो नहीं, कहती है उस पर मेरा असर हो रहा, कहीं मैं दवा तो नहीं । 8. कितने मतलबी हो गए हैं लोग, कोई खैरियत भी नहीं पूछता । एक हम हैं जिसे उनके बिना कुछ नहीं सूझता । 9. कुछ लोग हर बात का मतलब ढूंढ कमाल करने लगते हैं, वो दिल की मुहब्बत में दिमाग इस्तेमाल करने लगते हैं । 🙃🙃 ...