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Showing posts from June, 2019

दास्तान ए मोहब्बत

किसी की मोहब्बत की दास्तान... नजर के खेल में इक कहानी मिली । देखते यूं लगा क्या निशानी मिली । सम्भलता सा बदन, संतरी सूट में । केश कर दें निशा, रंग में चांदी खिली । 1 सस्ती सी इक घड़ी हाथ उसके पड़ी । चेहरे में हां बड़ी सादगी थी जड़ी । बोलने में अजब की चहक थी छुपी । हंसने पर यूं लगे कि खिले फुलझड़ी । 2 दोपहर वक्त था धूप छाई कड़ी । तभी उसकी नज़र आन मुझ पर पड़ी । पलक उसकी झुकी देखते ही मुझे, फिर पुनः जब उठी, उससे नज़रें लड़ीं ‌। 3 फिर उन नजरों का जादू था छा सा गया । उसकी नज़रों को शायद मैं भा सा गया । दिल में उसकी छवि यूं थी छप सी गई, कि अपने घर लौट आना रुला सा गया । 4 उसकी यादों ने अब तंग कर सा रखा । नींद चैन और सुकूं भंग कर सा रखा । ख्वाब दिल को थे हरपल परेशां किए, इश्क ने क्यों ये हुड़दंग कर सा रखा । 5 शशि मेघा की गोद जाके छिपने लगा । उसके नामों से पत्र खुद को लिखने लगा । उन सवालों के खुद फिर जवाब दिये, उसका चेहरा किताबों में दिखने लगा । 6 उसकी यादों ने दिल पर था भार किया । चित्र चित में सजा के इंतजार किया । सुबह औ शाम भी न सु...

पहली बारिश...

जी नहीं माना... अम्बर से उतर कर अवनी में पहली बारिश जब आई तो, उन बूंदों को निज हाथों से सहलाए बिना, जी नहीं माना । बूंदों के संग चली पवन जब तरुओं को लिपटाती तो, हाथ पसार कर उस हवा से टकराए बिना, जी नहीं माना । मौसम की पहली बारिश में जब मिट्टी से सोंधी महक उठी । उस मिट्टी की भीनी खुशबू में, घुल जाए बिना, जी नहीं माना । परिवेश नहाकर नवल हुआ, हर्षित पुलकित सा लगता तो खुद का भी अंतर्मन धोकर, मुस्काए बिना, जी नहीं माना । ~वीर

विवाह शुभकामनाएं....

रही तमन्ना जिसकी अब तक , तुम्हें आज वो खास मिला । पावन मधुर मिलन बेला में ..1 नाम.. को आज ..2 नाम.. मिला । वीर दुआ कर बंधन में, भरपूर सदा उल्लास रहे । साथ जनम के वचनों का अमर सदा विश्वास रहे । मेरी दुआ है कि आपका प्रणय बंधन तथा दाम्पत्य जीवन सदैव पुष्पित पल्लवित रहे । तथा आप अपने नए संसार सागर की जिम्मेदारियों एवं कर्तव्यों का सत्यनिष्ठा के साथ निर्वहन करें । आपकी जीवन के दूसरे पहलू की यात्रा मंगलमय हो । शुभकामनाओं के साथ । ~वीर

पृथ्वी दिवस विशेष...

1. ये वसुधा जगत जननी सकल पालनहार है । इसकी शुभ गोद में जीवन का आधार है । इससे ही पाते सब जल और आहार है । है जानते इससे सकल जग का उद्धार है । ये मां है जो बरसाती ममता अपार है । कुछ दैत्य फिर भी इसपे करते प्रहार है । फिर भी ये तजे नहीं मां का सदाचार है । सच में धरती मां की महिमा अपरम्पार है । ~वीर 2. मां वसुंधरा है समदर्शी, सब प्राणी इसके चहेते हैं । जल-जन्तु-जीव-पेड़-पक्षी, आदि सब इसके बेटे हैं । ये मां है जो हम सब बेटों को, गोद में अपनी समेटे है । धन्य है हम जो हरित गोद में, सुखद शांति से लेटे हैं । हरियाली है गहना इसका, इससे सब संसारा है । मनुज ही हैं वो रावण जिसने इन वृक्षों को मारा है । जंगल से ही जल पाएं हम, जल जीवन आधारा है । क्यों लालच करके हमने निज मां का गोद उजारा है । मां का आंचल रक्षित करने, मां ने हमें पुकारा है । गर न हो ये वन और नदियां, न अस्तित्व हमारा है । नहीं कोई ग्रह धरती मां सम, केवल एक सहारा है । वृक्ष लगा वसुधा को बचाएं, यह कर्तव्य हमारा है । ~ वीर । विश्व पृथ्वी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।

मकरसंक्रांति, गणतंत्र दिवस, ब्रदर्स डे, स्वतंत्रता दिवस

मेरे मुक्तक...  मुक्तक जो तिल में गुड़ मिले तो, जुड़कर लड्डू एक करते हैं । इसी की मिठास को लेकर, कर्म कुछ नेक करते हैं । यही उर भाव लेकर कुण्ड में डुबकी लगाते हैं, चलो मिल एक हो संक्रांति का अभिषेक करते हैं । गणतंत्र दिवस... सब खुशी नागरिक हो, मेरे देश में । पालन विधियों का हो, हरइक प्रदेश में ‌‌। हो अमन ये चमन, और शांति रहे । बहे महकती पवन, इसके परिवेश में । अनुशासन सदा सबका परिधान हो, जय जवान जय किसान औ जय विज्ञान हो । किसी दिल में रहे न क्लेश यहां , वीर मांगे विधाता ये वरदान दो । ~वीर ब्रदर्स डे... अभी तक हर रोज भाईयों को याद किया जाता रहा । हर पल उनकी याद में जिया जाता रहा । लेकिन लोगों ने इस मुसीबत से भी छुटकारा पा लिया, और साल में एक दिन ब्रदर्स डे भी मना लिया । (एक दिन याद करो, साल भर के लिए फुरसत) 😄😄 वीर😄😄 24 मई ब्रदर्स डे विशेष स्वतंत्र  स्वतंत्र हो अभाव से, स्वतंत्र हो स्वभाव से । स्वतंत्र हो प्रभाव से, स्वतंत्र हो दबाव से । स्वतंत्र हो आचार से, स्वतंत्र हो विचार से । स्वतंत्र हो अहार से, स्वत...